Sir louis braille biography in hindi
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लुई ब्रेल
लुई ब्रेल (4 जनवरी 1809 – 6 जनवरी 1852) फ्रांस के शिक्षाविद तथा अन्वेषक थे जिन्होने अंधों के लिये लिखने तथा पढ़ने की प्रणाली विकसित की। यह पद्धति 'ब्रेल' नाम से जगप्रसिद्ध है। फ्रांस में जन्मे लुई ब्रेल अंधों के लिए ज्ञान के चक्षु बन गए। ब्रेल लिपि के निर्माण से नेत्रहीनों की पढ़ने की कठिनाई को मिटाने वाले लुई स्वयम भी नेत्रहीन थे।
जीवनी
[संपादित करें]लुइस ब्रेल का जन्म 4 जनवरी 1809 में फ्रांस के छोटे से ग्राम कुप्रे
ब्रेल लिपि का विकास
[संपादित करें]यह बालक कोई साधरण बालक नहीं था। उसके मन में संसार से लडने की प्रबल इच्छाशक्ति थी। उसने हार नहीं मानी और फा्रंस के मशहूर पादरी बैलेन्टाइन की शरण में जा पहुंचा। पादरी बैनेन्टाइन के प्रयासों के चलते 1819 में इस दस वर्षीय बालक को ‘ रायल इन्स्टीट्यूट फार ब्लाइन्डस् ’ में दाखिला मिल गया। यह वर्ष 1821 था। बालक लुइस अब तक बारह बर्ष का हो चुका था। इसी दौरान विद्यालय में बालक लुइस केा पता चला कि शाही सेना के सेवानिवृत कैप्टेन चार्लस बार्बर ने सेना के लिये ऐसी कूटलिपि का विकास किया है जिसकी सहायता से वे टटोलकर अंधेरे
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दृष्टीबाधितों के मसीहा एवं ब्रेल लिपि के आविष्कारक लुई ब्रेल
लुई ब्रेल जीवनी / Louis Braille Biography in Hindi
Louis Braille / लुई ब्रेल
दृष्टीबाधितों के मसीहा एवं ब्रेल लिपि के आविष्कारक लुई ब्रेल का जन्म फ्रांस के छोटे से गाँव कुप्रे में हुआ था । 4 जनवरी 1809 को मध्यम वर्गीय परिवार में जन्में लुई ब्रेल की आँखों की रोशनी महज तीन साल की उम्र में एक हादसे के दौरान नष्ट हो गई। परिवार में तो दुःख का माहौल हो गया क्योंकि ये घटना उस समय की है जब उपचार की इतनी तकनीक इजात नही हुई थी जितनी कि अब है।
बालक लुई बहुत जल्द ही अपनी स्थिती में रम गये थे। बचपन से ही लुई ब्रेल में गजब की क्षमता थी। हर बात को सीखने के प्रति उनकी जिज्ञास को देखते हुए, चर्च के पादरी ने लुई ब्रेल का दाखिला पेरिस के अंधविद्यालय में करवा दिया। बचपन से ही लुई ब्रेल की अद्भुत प्रतिभा के सभी कायल थे। उन्होने विद्यालय में विभिन्न विषयों का अध्यन किया।
कहते हैं ईश्वर ने सभी को इस धरती पर किसी न किसी प्रयोजन हेतु भेजा है। लुई ब्रेल की जिन्दगी से तो यही सत्य उजागर होता है कि उनके बचपन के एक्सीडेंट के पीछे ईश्वर का कुछ खा
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आज का इतिहास:उस व्यक्ति का जन्म, जिसने खुद नेत्रहीन होकर भी नेत्रहीनों को पढ़ने-लिखने में सक्षम बनाया
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- Louis Braille Story: Today History Aaj Ka Itihas 04 January | Louis Braille; The Birth Of Inventor Of Braille Story
3 वर्ष पहले
आज ही के दिन लुई ब्रेल का 1809 में फ्रांस के एक छोटे से कस्बे कुप्रे में जन्म हुआ था। लुई ब्रेल को एक ऐसे शख्स के रूप में याद किया जाता है, जिन्होंने खुद नेत्रहीन होने के बावजूद दृष्टिहीनों को पढ़ने-लिखने में सक्षम बनाने के लिए एक नया आविष्कार किया, जिसे ब्रेल लिपि कहा जाता है।
लुई ब्रेल जन्मजात नेत्रहीन नहीं थे। बचपन में एक हादसे में उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी। लुई ब्रेल के पिता रेले ब्रेल शाही घोड़ों के लिए काठी बनाने का काम करते थे। 3 साल की उम्र में एक बार जब लुई अपने पिता के औजारों से खेल रहे थे तो एक औजार उनकी आंख में लग गया। जैसे-जैसे लुई बड़े होने लगे उनकी आंखों की चोट की तकलीफ बढ़ती गई। 8 साल का होते-होते लुई ब्रेल की आंखों की रोशनी पूरी तरह जा चुकी थी।
नेत्रहीनों के पढ़ने-लिखने के लिए लुई ब्रेल ने ब्रेल लिपि क